हम तेरी ख़ूबसूरती पर नहीं, ए मीर मेरे, हम तेरी सादगी पर जान वारते हैं. गुज़र जाए उम्र तमाम मेरी तुझे मुस्कराता हुआ देखकर, तो भी शायद ये जींद को कबूल है मेरी, शायद तू तेरे आईने में बेहद खूबसूरत है, लेकिन तेरे इस रागी को तेरी सादगी-बानगी तेरी पसंद आयी. क़बूल करले इश्क़ मेरा, मेरी इन बेहोश धड़कनों को एहसास देदे अपना के मुझे, मेरे ख्वाबों को उनका आशियाँ देदे. अब तो दूसरे दिए को नज़र भर देखने से भी डरता हूँ क्यों न हूँ, मेरी रूह जो तेरे